आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ: सम्मेलन का आयोजन

विधि एवं न्याय मंत्रालय 20 अप्रैल, 2024 को नई दिल्ली के जनपथ स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में ‘आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ’ शीर्षक सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। इस सम्मेलन में भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए है। 

इस सम्मेलन की शुरुआत उद्घाटन सत्र से की गई, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने भाषण दिया। उद्घाटन सत्र में तीनों नए आपराधिक कानूनों के व्यापक उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया। इसके बाद तीन तकनीकी सत्र आयोजित किये गए। 

‘आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ’ सम्मेलन का उद्देश्य 

इस सम्मेलन का उद्देश्य देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल बदलाव हेतु बनाए गए तीन आपराधिक कानूनों की मुख्य बातों को सामने लाना और तकनीकी तथा प्रश्नोत्तरी सत्रों के माध्यम से सार्थक बातचीत आयोजित करना है।

तीन नए कानून

हाल ही में देश में देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल बदलाव हेतु तीन कानून बनाए गए हैं। इन कानूनों को बनाने का उद्देश्य पुराने औपनिवेशिक कानूनों को निरस्त करने तथा उनके स्थान पर नागरिक – केन्द्रित एवं एक जीवंत लोकतंत्र की आवश्यकताओं को पूरा करना है। ये विधान अर्थात् भारतीय न्याय संहिता, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 पहले के आपराधिक कानूनों अर्थात् भारतीय दंड संहिता 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का स्थान लेंगे। ये तीनों आपराधिक कानून 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होंगे।

सम्मलेन में उपस्थित गणमान्य

मुख्य न्यायाधीश डॉ. न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ के अलावा इस सम्मेलन में विधि एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल, भारत के अटॉर्नी जनरल श्री आर वेंकटरमणी, भारत के सॉलिसिटर जनरल श्री तुषार मेहता तथा भारत सरकार में गृह सचिव श्री अजय कुमार भल्ला शामिल हुए। इनके अलावा, विभिन्न अदालतों के न्यायाधीश, अधिवक्ता, शिक्षाविद, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि, पुलिस अधिकारी, लोक अभियोजक, जिला प्रशासन के अधिकारी और विधि के छात्र इस सम्मेलन में भाग लिया।

भारत के मुख्य न्यायाधीश कौन है?

डॉ. न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़

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