धनबाद स्थित आईआईटी-आईएसएम की सहभागिता में राज्य खनन सूचकांक पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन

खान मंत्रालय ने आईआईटी-आईएसएम (IIT–ISM), धनबाद की सहभागिता में 8 मई, 2024 को दिल्ली में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।

खान मंत्रालय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-भारतीय खान विद्यापीठ (IIT–ISM), धनबाद की सहभागिता में 8 मई, 2024 को दिल्ली में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।

कार्यशाला के मुख्य बिंदु 

  • इसका उद्देश्य राज्यों के खनन क्षेत्र के प्रदर्शन को दर्ज करने के लिए परिकल्पित राज्य खनन सूचकांक के प्रारूप ढांचे पर चर्चा करना है।
  • इस कार्यशाला में राज्यों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं के आधार पर रूपरेखा को अंतिम रूप देने में सहायता मिलेगी।
  • खान मंत्रालय ने इस ढांचे को डिजाइन करने, डेटा एकत्र करने और सूचकांक तैयार करने को लेकर एक अध्ययन करने की जिम्मेदारी धनबाद स्थित IIT–ISM को दी है।

भारत में खनन क्षेत्र की भूमिका 

  • भारत के खनन क्षेत्र के विकास में राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • खनन क्षेत्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 2.6% और औद्योगिक उत्पादन में लगभग 14% का योगदान देता है।
  • खनन कानूनों के अनुसार सभी खनिज समृद्ध राज्यों के स्वामित्व में हैं। केंद्र और राज्य दोनों ही स्तरों पर खनन नियामक हैं।
  • कोल इंडिया, NMDC, हिंडाल्को, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज जैसी बड़ी कंपनियां खनन क्षेत्र में काम करती हैं।
  • खनन क्षेत्र के लिए विभिन्न दृष्टिकोण निर्धारित किए गए हैं। इनमें समानता, टिकाऊपन और जिम्मेदारी के साथ संसाधन उपयोग दक्षता को प्राथमिकता देना, भारत की भूमि पर खोज ध्यान केंद्रित करने की जरूरत, भविष्य में खनिज उत्पादन को सुविधाजनक बनाने के लिए कार्रवाई करना और खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित व्यक्तियों व क्षेत्रों के हित और लाभ के लिए कार्य करना शामिल है।
  • इस तरह खनन क्षेत्र के प्रदर्शन के साथ-साथ खनन गतिविधि में राज्यों की ओर से भविष्य की तैयारी को दर्ज करने के लिए एक राज्य खनन सूचकांक की परिकल्पना की गई है। इस सूचकांक के दायरे में गैर-ईंधन प्रमुख खनिज और लघु खनिज होगा। 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-भारतीय खान विद्यापीठ (आईआईटी-आईएसएम), धनबाद 

  • आईआईटी-आईएसएम, एक प्रतिष्ठित संस्थान है जो खनन और पर्यावरण इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्रदान करता है।
  • यह संस्थान 9 जुलाई 1926 को भारतीय खान विद्यापीठ के नाम से स्थापित किया गया था। बाद में 2016 में इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) का दर्जा प्रदान किया गया।
  • इसका मुख्य उद्देश्य खनन, अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी से संबंधित क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और अनुसंधान प्रदान करना है।

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