चंडीगढ़ और पंचकूला में सीजीएचएस वेलनेस केंद्र का उद्घाटन

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने चंडीगढ़ और पंचकूला में 2 सीजीएचएस वेलनेस केंद्रों का उद्घाटन किया है। वर्ष 2014 में सीजीएचएस शहरों का कवरेज 25 शहरों तक था जो वर्तमान में 80 शहरों तक हो गया है। इसके साथ ही पंचकुला सीजीएचएस सुविधाओं वाला 80वां शहर बन गया है। हालांकि चंडीगढ़ में पहले से ही 47000 पंजीकृत लाभार्थियों के साथ एक सीजीएचएस वेलनेस केंद्र था। अब दूसरे वेलनेस केंद्र के खुलने से कार्य का भार अब दो वेलनेस केंद्रों के बीच बंट जाएगा और प्रतीक्षा समय कम हो जाएगा। इससे लाभार्थियों को बड़ी राहत मिली है।

चंडीगढ़ और पंचकूला में सीजीएचएस वेलनेस केंद्र का उद्घाटन समारोह 

इन CGHS वेलनेस केंद्र के उद्घाटन समारोह में चंडीगढ़ की संसद सदस्य श्रीमती किरण खेर और पंचकुला से विधायक तथा हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता भी उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री मांडविया ने इस अवसर पर कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक को सुविधाजनक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान कराना सरकार की प्राथमिकता है। इसकी सुनिश्चितता के लिए सीजीएचएस सुविधाओं का विस्तार सरकार के लिए एक फोकस क्षेत्र बन गया है। ताकि लोग देश में कहीं भी रह कर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकें।

चंडीगढ़ और पंचकूला में इन दो वेलनेस केंद्रों के खुलने से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के समीपस्थ क्षेत्रों में रहने वाले पेंशनभोगियों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने में भी सहायता मिलेगी। डॉ. मांडविया ने बताया कि सीजीएचएस प्रौद्योगिकी को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ समेकित कर दिया गया है। अब शीघ्र ही सीजीएचएस को भारत के 100 शहरों तक विस्तारित करने के हमारे लक्ष्य के साथ भारत में अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा तक लोगों की पहुंच में और वृद्धि होगी।

केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) और इसके लाभ

केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई सबसे पुरानी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में से एक है। वर्ष 1954 में सीजीएचएस को शुरू किया गया था। यह सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को ही स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों/पेंशनभोगियों और उनके परिवारों को निम्न प्रकार के लाभ प्रदान किए जाते हैं:

  • सभी नामांकित सदस्यों के लिए उपचार।
  • सूचीबद्ध अस्पतालों और नैदानिक ​​केंद्रों में कैशलेस उपचार।
  • सरकारी या पैनलबद्ध डायग्नोस्टिक केंद्रों पर की गई चिकित्सा जांच।
  • पॉलीक्लिनिक या सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ परामर्श।
  • दवाओं के खर्च सहित आउट पेशेंट उपचार (OPD)।
  • सरकारी या निजी अस्पतालों में किए गए आपातकालीन चिकित्सा उपचार के लिए प्रतिपूर्ति।
  • मातृत्व, बाल स्वास्थ्य सेवाओं और परिवार कल्याण से संबंधित व्यय।
  • बाहरी चिकित्सा सहायक उपकरण जैसे श्रवण यंत्र, उपकरण, कृत्रिम अंग आदि के लिए किए गए व्यय।
  • आयुर्वेद, होम्योपैथी, सिद्ध और यूनानी जैसी वैकल्पिक उपचार प्रक्रियाएं भी उपलब्ध कराई जाती है।

इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

You may also like...

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *