सीएसआईआर प्राइमा ईटी 11: पहला स्वदेशी ई-ट्रैक्टर

भारत का पहला स्वदेशी ई-ट्रैक्टर ‘सीएसआईआर प्राइमा ईटी 11’ सेंट्रल मेकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमईआरआई), दुर्गापुर द्वारा विकसित किया गया है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सेंट्रल मेकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट-केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुर द्वारा विकसित इस ई-ट्रैक्टर को लॉन्च किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि स्टार्टअप्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कृषि में नई और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टेक्नोलॉजी अपनाने का आह्वान किया।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें भारत ने अपेक्षित गति नहीं पकड़ी है। यह भारत के लिए विशिष्ट एक विशाल अज्ञात संसाधन है। उन्होंने कहा कि जो बाकी देश अपने दृष्टिकोण से आईटी को बढ़ावा दे रहे थे  और उनके पास कृषि संपत्ति नहीं है। जबकि भारत के पास कृषि सम्पति है इसलिए हमें उनकी नकल करने की आवश्यकता नहीं है। यह मार्ग अगले 25 वर्षों में भारत की भविष्य की अर्थव्यवस्था में एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक होगा। 

वर्तमान में भी भारत में सीएसआईआर प्राइमा ईटी 11 ई-ट्रैक्टर के साथ कृषि क्षेत्र में और भी नए स्टार्टअप प्रवेश कर रहे हैं, जैसे कचरे की रीसाइक्लिंग, ड्रिप सिंचाई, आम और कमल जैसी जीनोम अनुक्रमित खेती आदि। डॉ. सिंह ने सरकार द्वारा संचालित वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं में आयोजित अनुसंधान एवं विकास की सफलता के लिए 5 एस का मंत्र दिया। 5 एस यानी – शोकेसिंग, स्टेकहोल्डर, स्टार्टअप, सिनर्जिंग और स्ट्रेटेजाइजिंग इंडस्ट्री लिंकेज (प्रदर्शन, हितधारक, स्टार्टअप, सिनर्जिंग और उद्योग लिंकेज की रणनीति)। उन्होंने कहाइन सभी पांच घटकों को शामिल करने पर ही हमें अधिकतम परिणाम प्राप्त होंगे।

ई-ट्रैक्टर क्या है?

ई-ट्रैक्टर का अर्थ एक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर से है। इसका उपयोग भी एक आम ट्रेक्टर की तरह भारी भार खींचने या धकेलने, खेतों की जुताई करने और खेत के विभिन्न कार्य करने में किया जाता है। यह ट्रैक्टर बिजली से संचालित होता, जो आमतौर पर बैटरी में संग्रहीत होती है। इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर कम परिचालन लागत, कम उत्सर्जन, शांत संचालन और कुछ मामलों में संभावित रूप से बेहतर दक्षता जैसे लाभ प्रदान करते हैं।

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