विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2024 में भारत

भारत ने पहली बार 13 से 15 मई, 2024 तक रॉटरडैम, नीदरलैंड में आयोजित होने वाले विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2024 में अपना मंडप स्थापित किया। 

भारत ने पहली बार 13 से 15 मई, 2024 तक रॉटरडैम, नीदरलैंड में आयोजित होने वाले विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2024 में अपना स्वयं का मंडप स्थापित किया। 

विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2024 के मुख्य बिंदु 

  • विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2024, नीदरलैंड में मेडेन इंडिया पवेलियन ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का प्रदर्शन किया।
  • भारत मंडप, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार, द्वारा स्थापित किया गया है, और शिखर सम्मेलन के सबसे बड़े मंडपों में से एक है। 
  • वैश्विक हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र में विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम है। 
  • सम्मेलन में लगभग 15,000 प्रतिनिधियों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

  • प्रारंम्भ: जनवरी 2023
  • भारत ने वर्ष 2030 के अंत तक 5 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। 
  • वर्तमान में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 412,000 टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता और 1,500 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइज़र विनिर्माण क्षमता की स्थापना के लिए निविदाएं प्रदान की हैं।
  • हाल ही में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए एक समर्पित पोर्टल लॉन्च किया गया है, जो मिशन और भारत में हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी के लिए वन-स्टॉप के रूप में काम करेगा। 

नोट:

  • भारत ने इस्पात , परिवहन/गतिशीलता और शिपिंग क्षेत्रों में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के लिए योजना दिशानिर्देश भी अधिसूचित किए हैं । 
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने भारत में नवाचार और हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए हाइड्रोजन वैली इनोवेशन क्लस्टर की शुरुआत की है।

वैश्विक हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में 

  • 19 मई, 2023 को वैश्विक हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र का औपचारिक शुभारंभ किया गया।
  • प्रमुख सदस्य – अमेरिका, जर्मनी, जापान, सऊदी अरब, रिलायंस, अदानी समूह आदि।
  • इस पहल से हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा मिलेगा और भारत की स्वच्छ ऊर्जा दिशा में प्रगति होगी। साथ ही अन्य देशों और कंपनियों के साथ सहयोग बढ़ेगा।
  • लक्ष्य: 2030 तक हरित हाइड्रोजन की लागत न्यूनतम करना और भारत में इसके उपयोग को बढ़ावा देना।

उद्देश्य:

  • हरित हाइड्रोजन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देना
  • इस क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों को आगे बढ़ाना
  • हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को विकसित करना

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