भारत-फ्रांस संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’

भारत-फ्रांस संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति का 7वां संस्करण मेघालय में पूर्ण रूप से विकसित और आधुनिक विदेशी प्रशिक्षण नोड में प्रारंभ किया गया। 

हाल ही में, भारत-फ्रांस संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति का 7वां संस्करण मेघालय में पूर्ण रूप से विकसित और आधुनिक विदेशी प्रशिक्षण नोड में प्रारंभ किया गया। 

सैन्य शक्ति अभ्यास के मुख्य बिंदु 

  • यह अभ्यास 13 से 26 मई 2024 तक आयोजित किया जाएगा। 
  • संयुक्त अभ्यास के उद्घाटन समारोह में भारत में फ्रांस के राजदूत महामहिम थियरी मथोउ और 51 सब एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल प्रसन्ना सुधाकर जोशी शामिल हुए। 
  • भारत की 90 कर्मियों वाली टुकड़ी का प्रतिनिधित्व राजपूत रेजिमेंट की एक बटालियन और अन्य सेवाओं कर्मियों के द्वारा किया जा रहा है।
  • 90 कर्मियों वाली फ्रांसीसी टुकड़ी का प्रतिनिधित्व 13वीं फॉरन लिजन हाफ-ब्रिगेड (13वीं डीबीएलई) के कर्मियों द्वारा किया जाएगा।
  • संयुक्त अभ्यास में अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों में संचालनों पर ध्‍यान केंद्रित किया जाएगा। 
  • इस अभ्यास के दौरान अभ्यास कराई जाने वाली सामरिक ड्रील में एक निर्धारित क्षेत्र पर कब्जा करने की आतंकी कार्रवाई से निपटना, एक संयुक्त कमांड पोस्ट की स्थापना करना, एक खुफिया और निगरानी केंद्र की स्थापना करना, एक हेलीपैड/लैंडिंग साइट की सुरक्षा करना, छोटे दल की प्रविष्टि करना और निष्कर्षण करना, विशेष हेलिबॉर्न ऑपरेशन, घेरा और तलाशी अभियान के अलावा ड्रोन तथा काउंटर ड्रोन सिस्टम का उपयोग करना भी शामिल है।
  • यह शक्ति अभ्यास दोनों देशों को संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं को साझा करने में सक्षम बनाएगा। 
  • संयुक्त अभ्यास से दोनों देशों के सशस्त्र बलों के कर्मियों के बीच अंतर-संचालन, सौहार्द और सौजन्‍यता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। 
  • इस अभ्‍यास से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग का स्तर बढ़ेगा और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।

सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’ के बारे में 

  • यह एक द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो भारत और फ्रांस में आयोजित किया जाता है। 
  • इसका 6वां संस्करण नवंबर 2021 में फ्रांस में आयोजित किया गया था।
  • शक्ति अभ्यास का मुख्‍य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अध्याय VII के तहत उप पारंपरिक परिदृश्य में विविध क्षेत्र संचालनों के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है।

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