रक्षा मंत्रालय ने किया दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन

रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ का समापन 20 जून, 2023 को हुआ। इस चिंतन शिविर में रक्षा मंत्रालय ने महत्वपूर्ण मुद्दों और अपने विभागों की कार्यक्षमता बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।

मंत्रालय ने अपने विभागों के सामने आने वाली विभिन्न समस्‍याओं एवं चुनौतियों पर चर्चा करने और बेहतर प्रशासन के लिए नई दिल्ली में इस शिविर का आयोजन किया था। इस दौरान रक्षा विभाग (डीओडी), रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी), सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) और भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग (डीईएसडब्ल्यू) ने अलग-अलग विचार-मंथन सत्र आयोजित किए। इन सत्रों के दौरान जाने-माने विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न प्रासंगिक विषयों पर अपना दृष्टिकोण साझा किया।

रक्षा उत्पादन विभाग

चिंतन शिविर में दो दिनों तक चलने वाले रक्षा उत्पादन विभाग के सत्रों का उद्देश्य सामूहिक विचार-मंथन, अनुभव आधारित शिक्षा, व्‍यवस्‍थागत सुधार और स्वदेशी एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण क्षेत्र की कार्यक्षमता को बढ़ाना था। रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने की अध्यक्षता में हुआ कार्यक्रम अपने प्रारूप में विशिष्ट था। इसमें भाग लेने वाले लोगों में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, एयरोस्पेस एवं रक्षा उद्योग के नेतृत्व, शिक्षाविद और क्‍वालिटी एश्‍योरेंस एजेंसियां शामिल थे।

डीडीपी सत्र पांच विषयों- ‘आत्मनिर्भरता में वृद्धि: स्वदेशीकरण के लिए आगे की राह’, ‘उत्पादन एवं रक्षा निर्यात में वृद्धि’, ‘औद्योगिक परिवेश एवं कुशल कार्यबल’, ‘सभी के लिए समान अवसर में बेहतरी’ और ‘गुणवत्ता में सुधार’ पर आधारित थे।

इसमें एयरोस्पेस एवं रक्षा क्षेत्र में योगदान करने वाले विभिन्‍न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। उद्योग ने खुली चर्चाओं का स्वागत किया और बताया कि पूर्व में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों के बल पर हम आश्‍वस्‍त हैं। वर्ष 2024-25 तक 5 अरब डॉलर के एयरोस्‍पेस एवं रक्षा निर्यात सहित 1,75,000 करोड़ रुपये के घरेलू एयरोस्‍पेस एवं रक्षा उत्पादन लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।

DDP ने चिंतन शिविर से प्राप्‍त निष्‍कर्षों को मिलाया ताकि स्वदेशी एयरोस्‍पेस एवं रक्षा विनिर्माण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्‍त सुधार किया जा सके। इसके साथ ही ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में उम्‍दा प्रौद्योगिकी को अपनाया जा सके।

रक्षा विभाग

इन दो दिनों के दौरान रक्षा विभाग के कार्य क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों/ चुनौतियों पर चर्चा की गई। इन चर्चाओं का उद्देश्य बेहतर प्रशासन/ कारोबारी सुगमता के लिए नए विचारों को प्रोत्‍साहित करना है। 

रक्षा विभाग के सत्र में निम्‍नलिखित विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया:

  • राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा की चुनौतियां
  • राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए व्यापक दृष्टिकोण
  • प्रदर्शन की जांच
  • सैनिक स्कूल शिक्षा प्रणाली
  • रक्षा अधिग्रहण में क्षमता निर्माण
  • इन सत्रों के दौरान, एनएससीएस, इंटेलिजेंस ब्यूरो, डीआरडीओ और सीएजी के प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञों और सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों और शिक्षाविदों ने संबोधित किया और रक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ विभिन्‍न विषयों पर अपने विचार साझा किए। 

सैन्य मामलों का विभाग

सैन्‍य मामलों के विभाग के सत्रों के विषयों में सामरिक लिहाज से सशस्‍त्र बलों का आधुनिकीकरण एवं क्षमता वृद्धि और बेहतर तालमेल स्‍थापित करने के लिए मानव संसाधन पहलुओं का एकीकरण एवं अनुकूलन, प्रशिक्षण और परिचालन संबंधी मुद्दे शामिल थे। इस दौरान औपनिवेशिक प्रथाओं एवं अप्रचलित कानूनों की पहचान करते हुए उन्हें समाप्त करने और सशस्त्र बलों के कामकाज में देश के अपने लोकाचार एवं प्रथाओं को शामिल करने जैसे उपायों पर विचार-विमर्श किया गया।

भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग

भूतपूर्व सैनिक कल्‍याण विभाग ने ‘पूर्व सैनिकों के लिए बेहतर पेंशन सेवाओं एवं अन्य कल्याणकारी उपायों के लिए स्पर्श का फायदा उठाने’, ‘पूर्व सैनिकों द्वारा सूक्ष्म उद्यमों की शुरुआत के लिए रोजगार क्षमता में सुधार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देकर उनका पुनर्वास’ और ‘पूर्व सैनिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार’ जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया।

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