सुपरसोनिक मिसाइल-असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) प्रणाली का ओडिशा तट से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा सुपरसोनिक मिसाइल-असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) प्रणाली का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा सुपरसोनिक मिसाइल-असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) प्रणाली का 01 मई, 2024 को सुबह 8:30 बजे ओडिशा के समुद्री तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया।

सुपरसोनिक मिसाइल-असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) के बारे में

  • एक उन्नत जलरहित मिसाइल प्रणाली है जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है।
  • प्रक्षेपण प्रणाली: स्मार्ट प्रणाली में एक सुपरसोनिक मिसाइल शामिल है जो एक लाइट वेट टॉरपीडो को अपने वेक्टर पर रखकर लॉन्च करती है।
  • मिसाइल वेक्टर: यह मिसाइल टॉरपीडो को समुद्र की सतह से करीब 1000 मीटर की दूरी तक प्रक्षेपित कर सकती है।
  • इस प्रणाली की मारक सीमा 1000 किमी से अधिक है, जिससे दुश्मन के जहाजों और पनडुब्बियों पर दूर से भी हमला किया जा सकता है।
  • इस कनस्तर-आधारित मिसाइल प्रणाली में कई उन्नत उप-प्रणालियां समायोजित की गई हैं, जिनमें दो-चरण वाली ठोस प्रपल्शन प्रणाली, इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्चुएटर प्रणाली, सटीकता के साथ इनर्शियल नेविगेशन प्रणाली शामिल हैं।
  • स्मार्टपैराशूट-आधारित रिलीज सुविधा के साथ पेलोड के रूप में उन्नत हल्के भार वाले टारपीडो को ले जाती है।
  • इस मिसाइल को ग्राउंड मोबाइल लॉन्चर से प्रक्षेपित किया गया था।
  • स्मार्ट पूरी तरह से भारतीय वैज्ञानिकों और अभियंताओं द्वारा विकसित एक स्वदेशी प्रणाली है।
  • स्मार्ट प्रणाली का उद्देश्य भारतीय नौसेना की समुद्री लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाना है। इसे पनडुब्बियों और जहाजों से दागा जा सकता है। यह दुश्मन के जहाजों और पनडुब्बियों पर अप्रत्याशित हमले करने में सक्षम है। स्मार्ट का सफल परीक्षण 2005 में किया गया था।

टॉरपीडो क्या है?

  •  यह एक तरह का स्व-निर्देशित, जलरहित मिसाइल है जिसका उपयोग समुद्री जहाजों और पनडुब्बियों के विरुद्ध किया जाता है।
  • टॉरपीडो आमतौर पर लंबे, नली के आकार का होता है जिसमें एक नोक और पंख लगे होते हैं। इसमें गति प्रदान करने के लिए एक प्रणोदक तंत्र होता है।
  •  टॉरपीडो को पनडुब्बी या समुद्री जहाज से दागा जाता है। एक बार लॉन्च होने के बाद यह स्व-निर्देशित होता है और उसके लक्ष्य पर आक्रमण करने के लिए रास्ता निर्धारित करता है।
  •  टॉरपीडो में विभिन्न प्रकार की निर्देशन प्रणालियां हो सकती हैं जैसे कि सोनार, इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम या वायर-गाइडेड प्रणाली।
  • टॉरपीडो में एक पावरफुल वॉरहेड होता है जो लक्ष्य को नष्ट करने के लिए विस्फोटक भरा होता है।
  • आधुनिक टॉरपीडो की मारक क्षमता कई किलोमीटर तक होती है और यह 50-100 किमी/घंटे की गति से भी चल सकता है। 

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)

  • स्थापना: 1958
  • भारत का प्रमुख रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन है।

DRDO के मुख्य उद्देश्य

  • सेना, नौसेना और वायुसेना की आधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी आवश्यकताओं को पूरा करना।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से उच्च तकनीक के क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करना।
  • रक्षा और वैज्ञानिक प्रणालियों के लिए अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ावा देना।
  • देश की स्वदेशी संरक्षा प्रौद्योगिकी और उत्पादन क्षमताओं को मजबूत करना।

इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

You may also like...

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *