मिशन वात्सल्य योजना: पृष्ठभूमि, विजन और उद्देश्य

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा भारत में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये मिशन वात्सल्य शुरू किया गया है।
  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा भारत में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये मिशन वात्सल्य शुरू किया गया है।
  • “मिशन वात्सल्य” पूर्ववर्ती बाल संरक्षण सेवा (चाइल्ड प्रोटक्शन सर्विसेज/सीपीएस) योजना बच्चों के कल्याणएवं पुनर्वास के लिए वर्ष 2009-10 से संचालित एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
  • राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने योजना के क्रियान्वयन हेतु मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग/एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गये।
  • मिशन वात्सल्य को केंद्र एवं राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के मध्य निर्धारित लागत साझा अनुपात के अनुसार केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया गया।

मिशन वात्सल्य की पृष्ठभूमि

वर्ष 2009-10 से पहले महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा तीन योजनाएं शुरू की गयी थी जो –

  1. देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों एवं कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों के लिये किशोर न्याय कार्यक्रम।
  2. सड़कों पर रहने वाले बच्चों के लिये एकीकृत कार्यक्रम।
  3. बाल गृहों की सहायता हेतु योजना।
  • वर्ष 2010 महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा इन तीनो योजनाओं को विलय किया गया जिसे एकीकृत बाल संरक्षण सेवा योजना नाम दिया गया।
  • वर्ष 2017 में बाल संरक्षण सेवा योजना का नाम परिवर्तित किया गया।
  • वर्ष 2021-22: मिशन वात्सल्य के रूप में पुनः प्रस्तुत किया गया।

विजन

  • भारत के प्रत्येक बच्चे के लिए एक स्वस्थ एवं खुशहाल बचपन सुनिश्चित करना, उन्हें अपनी पूर्ण क्षमता का पता लगाने के लिए अवसर प्रदान करना, हर क्षेत्र में विकास के लिए सहायता प्रदान करना, उनके लिए ऐसी संवेदनशील, समर्थनकारी और समकालिक इको-व्यवस्था स्थापित करना है जिसमें उनका पूर्ण विकास हो।
  • “मिशन वात्सल्य” अंतिम उपाय के रूप में बच्चों के संस्थागतकरण के सिद्धांत के आधार पर कठिन परिस्थितियों में बच्चों की परिवार-आधारित गैर-संस्थागत देखभाल को बढ़ावा देता है।

मिशन

  • बच्चों के लिए एक संवेदनशील, सहायक और समकालिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना क्योंकि वे अपनी प्रगति की विभिन्न आयु और चरणों से गुजरते हैं। 
  • देश के सभी राज्यों में बाल कल्याण और संरक्षण समितियों और वैधानिक और सेवा वितरण संरचनाओं के संस्थागत ढांचे को सुदृढ़ करते हुए ऐसा करने की परिकल्पना की गई है। जबकि कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों का वैधानिक और सेवा वितरण संरचनाओं द्वारा समाधान किया जाना है, स्थानीय विकास योजनाओं और संबंधित बजट के साथ एकीकृत सामुदायिक स्तर पर बाल कल्याण और सुरक्षा के मुद्दों पर समान जोर दिया जाना है। 
  • मिशन का लक्ष्य है:
    • कठिन परिस्थितियों में बच्चों का सहयोग करना और जारी रखना;
    • विविध पृष्ठभूमि के बच्चों के समग्र विकास के लिए संदर्भ-आधारित समाधान विकसित करना;
    • नवोन्मेषी समाधानों को प्रोत्साहित करने की गुंजाइश प्रदान करना;
    • अभिसरण कार्यवाई को सुदृढ़ करना।

वात्सल्य योजना का उद्देश्य

मिशन वात्सल्य के निम्नलिखित उद्देश्य हैं- 

  • मिशन के तहत की गई सभी गतिविधियों और कार्यों के दौरान बच्चे को केंद्र में रखते हुए प्रशासन की स्कीम में बच्चों को प्राथमिकता देना।
  • परियोजनाएं और कार्यक्रम तैयार या वितरित करते समय बच्चे के सर्वोत्तम हित और परिवारों का समर्थन करने के लिए सशक्त सामाजिक सुरक्षा संजाल सहित खुशहाल पारिवारिक वातावरण में बढ़ने का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए सकारात्मक कार्यवाई करना।
  • बच्चों की उत्तरजीविता, विकास, संरक्षण और भागीदारी के अधिकार को सुनिश्चित करना।
  •  राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, राज्य और जिला स्तरों पर आवश्यक सेवाएं स्थापित करना और आपातकालीन पहुंच, परिवार और समुदाय के भीतर गैर-संस्थागत देखभाल, और संस्थागत देखभाल परामर्श और सहायता सेवाओं को सुदृढ़ बनाना।
  • सभी स्तरों पर उपयुक्त अंतर – क्षेत्रीय प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना, बच्चों को निर्बाध सेवा वितरण के लिए अभिसरण प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए सभी संबद्ध प्रणालियों के साथ समन्वय और नेटवर्क बनाना।
  • परिवार और समुदाय स्तर पर बाल संरक्षण को सशक्त बनाना, परिवारों और समुदायों को बच्चों को प्रभावित करने वाले जोखिमों और कमजोरियों की पहचान करने में सक्षम बनाना, बच्चों को भेद्यता,जोखिम और दुर्व्यवहार की स्थितियों से बचाने के लिए निवारक उपायों का सृजन करना और उन्हें बढ़ावा देना।
  • कानून के ढांचे के भीतर बच्चों को सहयोग करने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी और पहलों को प्रोत्साहित करना।

वित्तीय पोषण 

  • मिशन वात्सल्य योजना को 60:40 के अनुपात में निधि साझाकरण प्रतिरूप (फंड-शेयरिंग पैटर्न) के साथ राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा। 
  • पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्र तथा राज्य/केंद्र शासित प्रदेश का अंश 90:10 होगा।
  • केंद्र शासित प्रदेशों में बिना विधायिका के संपूर्ण लागत को कवर करेगा।
  • राज्यों की निधियों का हस्तांतरण निधि (फंड) मिशन वात्सल्य प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (PAB) के माध्यम से स्वीकृत की जाएगी।
मिशन वात्सल्य योजना को किस मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है?

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय।

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