मिशन ऑन एडवांस्ड एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च: विद्युत क्षेत्र में लॉन्च

विद्युत मंत्रालय और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय संयुक्त रूप में विद्युत क्षेत्र में राष्ट्रीय मिशन लॉन्च कर रहे हैं। मिशन ऑन एडवांस्ड एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च (MAHIR) नामक यह मिशन विद्युत क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के लिए हैं।

मिशन ऑन एडवांस्ड एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च (एमएएचआईआर)

राष्ट्रीय मिशन ‘एमएएचआईआर’ बिजली क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों की शीघ्रता से पहचान करने और उन्हें भारत के भीतर और बाहर तैनाती के लिए बड़े पैमाने पर स्वदेशी रूप से विकसित करने में मदद करेगा। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य बिजली क्षेत्र में नवीनतम और उभरती प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी अनुसंधान, विकास और प्रदर्शन को सुविधाजनक बनाना है। इस राष्ट्रीय मिशन के सहयोग से भारत विश्व का एक विनिर्माण केंद्र बन सकता है।

मिशन ऑन एडवांस्ड एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च (एमएएचआईआर) को 2 मंत्रालयों के तहत ऊर्जा मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के वित्तीय संसाधनों को पूल करके वित्त पोषित किया जाएगा। इसके अलावा आवश्यक वित्त पोषण भारत सरकार के बजटीय संशाधनों से जुटाया जाएगा।

एमएएचआईआर योजना 2023-24 से 2027-28 तक 5 साल की प्रारंभिक अवधि के लिए बनाई गई है। यह मिशन उत्पाद के लिए आइडिया के प्रौद्योगिकी जीवन चक्र दृष्टिकोण का पालन करेगा।

मिशन ऑन एडवांस्ड एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च (एमएएचआईआर) की आवश्यकता

भारतीय विद्युत क्षेत्र में पिछले नौ वर्षों में एक जीवंत और वित्तीय रूप से व्यवहार्य बदलाव आया है। भारत आने वाले कुछ वर्षों में 7 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ने वाला है। इस दौरान देश में विद्युत की मांग करीबन 10 प्रतिशत तक बढ़ने वाली है। इसके अलावा भारत प्रधानमंत्री के लाइफ मिशन के दृष्टिकोण के बाद ऊर्जा परिवर्तन का लक्ष्य बना रहा है। ऐसे में न केवल बड़े पैमाने पर निवेश की आवश्यकता है, अपितु अनुसंधान और नवाचार द्वारा संचालित परिवर्तनकारी दृष्टिकोण की भी आवश्यकता है।

एमएएचआईआर (MAHIR) के उद्देश्य

  • स्वदेशी प्रौद्योगिकियों की पायलट परियोजनाओं और उनके व्यावसायीकरण की सुविधा के लिए समर्थन करना।
  • वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों और भविष्य की प्रासंगिकता के क्षेत्रों की पहचान करना और प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास को शुरू करना।
  • विद्युत क्षेत्र के हितधारकों हेतु सामूहिक विचार-मंथन, सहक्रियात्मक प्रौद्योगिकी विकास और प्रौद्योगिकी के सुचारू हस्तांतरण के लिए रास्ते तैयार करने में एक सामान्य मंच प्रदान करना।
  • विद्युत प्रणाली से संबंधित प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों के विकास में भारत को अग्रणी देशों में शामिल करना।
  • वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास का बीजारोपण, पोषण और पैमाना बनाना व इसके साथ देश के विद्युत क्षेत्र में जीवंत और नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र बनाना।

अनुसंधान के लिए चिन्हित क्षेत्र

शुरुआत में अनुसंधान के लिए निम्नलिखित 8 क्षेत्रों की पहचान की गई है:

  1. लिथियम-आयन स्टोरेज बैटरी के विकल्प
  2. भारतीय खाना पकाने के तरीकों के अनुरूप इलेक्ट्रिक कुकर / पैन को संशोधित करना
  3. गतिशीलता के लिए ग्रीन हाइड्रोजन (उच्च दक्षता ईंधन सेल)
  4. कार्बन अवशोषण
  5. भू-तापीय ऊर्जा
  6. ठोस अवस्था प्रशीतन
  7. ईवी बैटरी के लिए नैनो तकनीक
  8. स्वदेशी सीआरजीओ तकनीक

मिशन ऑन एडवांस्ड एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च की संरचना

एमएएचआईआर मिशन की दो स्तरीय संरचना होगी – एक तकनीकी कार्यक्षेत्र समिति और एक शीर्ष समिति।

1. तकनीकी कार्यक्षेत्र समिति (टीएससी)

तकनीकी कार्यक्षेत्र समिति (टीएससी) की अध्यक्षता सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के अध्यक्ष द्वारा की जाएगी। टीएससी के कार्य निम्न होंगे –

  • तकनीकी कार्यक्षेत्र समिति (टीएससी) विश्व स्तर पर चल रहे और उभरते शोध क्षेत्रों की पहचान करेगी।
  • TSC मिशन के तहत विकास के लिए संभावित तकनीकों की सिफारिश करेगी।
  • यह तकनीकी-आर्थिक लाभों को सही ठहराएगी। 
  • शोध की रूपरेखा प्रदान करेगी और अनुमोदित शोध परियोजनाओं की समय-समय पर निगरानी करेगी।

2. शीर्ष समिति

केंद्रीय विद्युत और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता वाली शीर्ष समिति के कार्य निम्नलिखित होंगे –

  • शीर्ष समिति अनुसंधान प्रस्तावों को मंजूरी देगी और अनुसंधान की प्रगति की निगरानी करेगी।
  • शीर्ष समिति द्वारा मिशन के तहत विकसित की जाने वाली तकनीक/उत्पाद पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
  • सभी अनुसंधान प्रस्तावों/परियोजनाओं का अंतिम अनुमोदन शीर्ष समिति द्वारा किया जाएगा।
  • किसी भी सहयोग की स्वीकृति, विकसित की जाने वाली तकनीक और सहयोगी देश के साथ किए जाने वाले समझौते का निर्णय शीर्ष समिति द्वारा लिया जाएगा।

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